“बच्चों को भगवान का रूप माना जाता है क्योंकि उनमें कोई छल-कपट, ईर्ष्या या द्वेष नहीं होता, वे पूरी तरह पवित्र और निश्छल होते हैं।” — यह भाव व्यक्त किए प्रोग्रेसिव स्कूल्स सोसायटी (CBSE एवं ICSE स्कूलों का संगठन) के संयोजक सुरेंद्र चौहान ने, जब वे जनमंच सभागार में आयोजित मिशन शक्ति-5.0 के एक कार्यक्रम में बच्चों के साथ शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों के उत्साह, आत्मविश्वास और सादगी को देखकर चौहान ने कहा कि “जब हम बच्चों के बीच होते हैं, तो हमें सच्चे ईश्वर के दर्शन होते हैं। उनकी मुस्कान में समाज का भविष्य और देश की उम्मीद छिपी होती है।”
उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास और आत्मरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। मिशन शक्ति जैसी पहल से न केवल बालिकाओं को सशक्त बनाया जा रहा है, बल्कि समाज में सम्मान और सुरक्षा की भावना भी प्रबल हो रही है।
कार्यक्रम में शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों की बड़ी संख्या में उपस्थिति
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